4 आदतें जो आपको रखेगी हमेशा खुश How to Be Happy In Hindi


4 आदतें जो आपको रखेगी हमेशा खुश
How to Be Happy In Hindi

सफलता क्या है ? What is success? क्या हम सफलता को पैसों के पैमाने पर माप सकते है? आप किस व्यक्ति को सफल मानेंगे? क्या प्रत्येक अमीर व्यक्ति, सफल व्यक्ति है?

नहीं|



हम सफलता (Success) को पैसों के पैमाने पर नहीं माप सकते| लेकिन हम सफलता को खुशी (Happiness) के पैमाने पर जरूर माप सकते है| इसीलिए हम यह कह सकते है कि प्रत्येक व्यक्ति जो दिन में ज्यादातर समय खुश रहता है, वह व्यक्ति, सफल (Successful) है|

खुश कैसे रहें???? – How to Be Happy?????

4 Habits That will Make You Happy
4 आदतें जो आपको रखेगी हमेशा खुश

 1. सुबह जल्दी उठें (Wake Up Early) :- जब हम सूर्योदय से पहले उठ जाते है तो हमें एक अलग ही अनुभव होता है और ऐसा लगता है मानों प्रकृति एक नया दिन लिए हमारा स्वागत कर रही है| सूर्योदय से कुछ समय पूर्व, आसमान का नजारा अद्भुत होता है और ऐसा लगता है जैसे हमारे अन्दर एक नईं उर्जा का संचार हो रहा है|

यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि उस दिन हम अन्य दिनों से ज्यादा खुश रहते है जिस दिन हम सूर्योदय से पहले उठ जाते है|

सूर्योदय से पहले उठने के कई फायदे है Advantage of Waking Up Early :-  

  1. मैडिटेशन, योग और व्यायाम के लिए अच्छा समय मिल जाता है|
  2. रचनात्मकता (Creativity) बढती है|
  3. एक सकारात्मक एंव अच्छी शुरुआत होती है
  4. दिन के लिए लक्ष्य बनाना|
  5. आयुर्वेद (ayurveda) के अनुसार सूर्योदय से पहले बहने वाली वायु अमृत के समान होती है जिससे हमारे शरीर में एक नई उर्जा का संचार होता है|
  6. प्रकृति के अद्भुत नज़ारे का अनुभव
  7. पूरे दिन के कार्यों के लिए मानसिक रूप तैयार होना|



2. ध्यान, योग एंव व्यायाम (Meditation, Yoga and Exercise):- मैडिटेशन एंव योग से हम मानसिक एंव शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते है| मैडिटेशन एंव योग से शारीरिक रोगों के साथ साथ हमारे मानसिक विकार भी दूर होते है और हम मानसिक रूप से सक्षम बनते है| यह प्रमाणित तथ्य है कि मैडिटेशन एंव योग से सारे तनाव दूर किये जा सकते है| जो व्यक्ति नियमित रूप से योग (Yoga) करता है, उसकी आतंरिक शक्तियां जागृत हो जाती है जिससे वह हर प्रकार की परिस्थिति का सामना कर सकता है|

3. वर्तमान में जिएँ (Live in Present):- वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादातर लोगों का 70% से 90% तक समय भूतकाल, भविष्यकाल एंव व्यर्थ की बातें सोचने में चला जाता है|

अगर हम अपनी समस्याओं और तनाव के कारणों का विश्लेषण करेंगे तो पायेंगे कि हमारे 90% तनाव का कारण भूतकाल में या भविष्यकाल में है| इसका मतलब यह है कि वर्तमान में हमें कोई समस्या नहीं है और हमारे तनाव का कारण या तो भूतकाल की कोई घटना है या भविष्यकाल का डर|

अगर तनाव का कारण भूतकाल है तो अब उसका तो कुछ किया नहीं जा सकता इसलिए व्यर्थ में तनाव लेकर हम अपने ही दिमाग में वायरस छोड़ रहे है|

और अगर तनाव का कारण भविष्यकाल का कोई डर है तो उसका भविष्य तो वर्तमान ही तय करेगा इसलिए अगर हम वर्तमान में जियेंगे तो भविष्य अच्छा ही होगा और अगर हम बार बार उस डर से डरते रहेंगे जो अभी तक पैदा ही नहीं हुआ तो फिर हम अपना वर्तमान ख़राब कर देंगे और हमारा यही वर्तमान हमारा भविष्य ख़राब कर देगा|  

इसलिए हमें वर्तमान में ही रहना चाहिए और इसे best बनाना चाहिए क्योंकि न तो भूतकाल एंव न ही भविष्यकाल पर हमारा नियंत्रण है|

अगर खुश रहना है एंव सफल होना है तो उस बारे में सोचना बंद कर दें जिस पर हमारा नियंत्रण न हो



4. वह करिए जो आपको पसंद हो :- दिन में कम से कम एक घंटा कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो जैसे खेलना, संगीत सुनना या लिखना| ऐसे कार्य आपको एक नयी उर्जा प्रदान करते है और आपको रिचार्ज कर देते है| अगर संभव हो तो हमें अपने करियर को इसी दिशा में मोड़ देना चाहिए|

हमें अपना करियर उसी क्षेत्र में बनाना चाहिए जिसमें हमारी रुचि हो| अगर हम ऐसे क्षेत्र में कार्य कर रहे है जिसमे हमारी रुचि नहीं है, तो हमारे पास दो विकल्प है:-

  1. या तो अपने कार्यक्षेत्र को बदल दो और करियर उस क्षेत्र में बनाओ जिसमें हमारी रुचि हो
  2. और अगर ऐसा संभव न हो तो वर्तमान कार्य को अपनी रुचि बना लो


अगर हम दोनों में से एक भी विकल्प नहीं अपनाते और ऐसे कार्य करते रहते है जिसमें हमारा मन नहीं लगता तो हम कभी भी अपना 100% नहीं दे पाते और ज्यादातर समय बर्बाद कर रहे होते है|

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