Magic of Compounding in Hindi | मैजिक ऑफ़ कम्पाउंडिंग – तीन दोस्तों के करोड़पति बनने की कहानी!
Magic of Compounding in Hindi
दुनिया के महानतम वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था-
Compound interest दुनिया का आठवां अजूबा है. जो इसे समझता है, इसे कमाता है… जो नहीं समझता… इसे भरता है.
I am sure आप में से ज्यादातर लोगों ने school days में compound interest या चक्रवृद्धि ब्याज के बारे में पढ़ा होगा.
सरल शब्दों में कहें तो ब्याज पर ब्याज मिलना ही चक्रवृद्धि ब्याज या compound interest है.
यानी अगर किसी को उसके जमा किये हुए पैसे “P” पर पहले साल “X” रूपया interest मिलता है तो अगले साल उसे “P+X” रुपये पर इंटरेस्ट मिलेगा.
For example: अगर किसी ने 10% compounded annually की रेट से 100 रुपये जमा किये तो पहले साल तो उसे 100 रु पे ब्याज मिलेगा, जोकि 10 रु होगा. लेकिन अगले साल उसे 100+10= 110 रु पर ब्याज मिलेगा, जोकि 11 रु होगा.
यानी दो साल बाद 100 रु बढ़ कर 121 रु हो जाएगा.
जबकि साधारण ब्याज से पहले साल भी 100 रु पे 10 रु ब्याज मिलता और दुसरे साल भी 100 रु पर 10 रु ही ब्याज मिलता. और इस तरह से दो साल बाद 100 रु बढ़कर 120 रु हो जाता.
Which means, compound interest के कारण 1 रु अधिक कमाई होती.
शायद आप सोचें कि इसमें भला magical क्या है… बस 1 रु ही तो अधिक है!
तो अब तैयार हो जाइए मैजिक देखने के लिए.
आप बैंक में इस सौ रुपये की FD करके 30 साल के लिए भूल जाइए. Supposing rate of interest 10 % ही रहता है तो जानते हैं 30 साल बाद वो amount कितना हो जाएगा?
₹ 1745
यानि आपके मूल धन का 17 गुना. क्यों है ना कमाल की बात!
जबकि अगर बाकी चीजें वही रहे और चक्रवृद्धि की जगह साधारण ब्याज की दर लगे तो ये अमाउंट महज 400 रु हो पाता.
बहुत से लोग शायद अभी भी इस अजूबे को appreciate नहीं कर पा रहे होंगे… क्योंकि हम इंसान numbers से कहीं ज्यादा कहानियों को समझते हैं… कोई बात नहीं, मैजिक ऑफ़ कम्पाउंडिंग समझाने के लिए मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ!
तीन दोस्तों की कहानी
तीन दोस्त थे- Amit, Brijesh, और Chandan
तीनो साधारण परिवार से थे और एक साथ ही पढ़ते-लिखते और खेलते-कूदते थे. समय बीता, और 25 साल का होते-होते उनकी नौकरी लग गयी.
तीनो ने नौकरी शुरू की और हर महीने मिलने वाले पैसों से लाइफ एन्जॉय करने लगे. लेकिन एक दिन अमित ने अपने दोस्तों से कहा-
“यार, पिताजी कह रहे थे कि हमें हर महीने अपनी सैलरी से कुछ पैसे बचा कर जमा करने चाहिए… तुम लोग क्या सोचते हो?”
इस पर चन्दन और बृजेश भी सहमत हुए, पर उन्होंने कहा कि अभी तो हम बहुत यंग हैं… और हम पर कोई जिम्मेदारी भी नहीं हम कुछ साल मौज-मस्ती कर लेते हैं और बाद में अच्छे पैसे बचा लेंगे.
और अपनी-अपनी सोच के मुताबिक़ तीनो ने इस तरीके से बचत की-
- अमित ने 25 साल की उम्र से ही @ 10% compounded annually की rate से किसी financial instrument में 5000 रु प्रति माह जमा करने शुरू कर दिए. .
- बृजेश ने यही काम 30 साल का होने पर किया और वो भी किसी फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में हर महीने @ 10% compounded annually की rate से 5,000 रु जमा करने लगा.
- जबकि चन्दन ने शादी और बच्चे होने के बाद 35 साल की उम्र में पैसे बचाने शुरू किये, लेकिन चूँकि उसके दोस्त पहले से पैसे बचा रहे थे, इसलिए उनकी बराबरी करने के लिए उसने @ 10% compounded annually की rate से हर महीने किसी फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट में 10,000 रु निवेश करना शुरू कर दिया.
अब अंदाजा लगाइए कि जब 60 साल की उम्र में वे रिटायर होंगे तो सिर्फ इस एक इन्वेस्टमेंट की वजह से किसके पास कितने पैसे होंगे?
जवाब है –
अमित – 1,69,93,955 (approx. 1 करोड़ सत्तर लाख )
बृजेश – 1,03,14,216 (approx. 1 करोड़ तीन लाख )
चन्दन – 1,23,33,248 (approx. 1 करोड़ तेईस लाख )
Wow, compounding की power की वजह से तीनो दोस्त छोटी-छोटी बचत करके भी एक दिन करोड़पति बन जायेंगे!
आपकी सुविधा के लिए मैं इस कहानी को एक tabular form में mention कर दे रहा हूँ:
अमित | बृजेश | चन्दन | |
उम्र जब से पैसे बचाए | 25 साल | 30 साल | 35 साल |
हर महीने की बचत | 5000 | 5000 | 10000 |
पैसों को बढ़ने के लिए मिला समय | 35 साल | 30 साल | 25 साल |
60 साल में रिटायरमेंट के समय जमा-पूंजी | 1 करोड़ सत्तर लाख | 1 करोड़ तीन लाख | 1 करोड़ तेईस लाख |
दोस्तों, हम 5000 – 10,000 रु की value नहीं समझते …लेकिन अगर इन्ही पैसों को disciplined हो कर निवेश किया जाए तो हम भी एक दिन करोड़पति बन सकते हैं!
कई लोग इस तरह की monthly investment ना करने का excuse ये देते हैं कि अरे 25-30 साल बाद 1 करोड़ की वैल्यू क्या होगी? लेकिन वो इस बात पर ध्यान नहीं देते कि वे निवेश भी कोई एक मुश्त नहीं करते बल्कि इन 30 सालों के दौरान महीने दर महीने ही करते हैं. यानी, जो 5000 रु का निवेश करने में आपको थोड़ा सोचना पड़ सकता है, 15 साल बाद वही निवेश आपको बेहद आसान लगेगा!
इसलिए, weak excuses देने की बजाये जल्द से जल्द निवेश करना शुरू करें!
अब इस रिजल्ट को थोड़ा analyze करते हैं, और इनसे कुछ सबक सीखते हैं-
Analysis 1:
बृजेश ने अमित के सिर्फ 5 साल बाद से ही उसकी तरह ही हर महीने 5000 रु जमा करने शुरू कर दिए लेकिन आश्चर्यजनक रूप से रिटायरमेंट के समय दोनों की दौलत में 67 लाख रु का अन्तर था. ये बहुत बड़ा अंतर है.
सबक #1: समय बड़ा बलवान होता है, इसलिए जितना जल्दी हो सके पैसे की बचत करना शुरू कर दीजिये.
Analysis 2:
चन्दन ने पैसे बचाने में बहुत देर कर दी, लेकिन उसने इसकी भरपाई अधिक पैसे निवेश कर करने का प्रयास किया. और ऐसा करने से वो बृजेश से आगे निकल पाया.
सबक #2: अगर आपने कम उम्र में पैसे बचाना शुरू नहीं किये थे तो भी घबड़ाएं नहीं… आप देर से शुरू करके और अधिक पैसे निवेश कर के भी एक बड़ी रकम जमा कर सकते हैं.
Analysis 3:
अधिक पैसे बचत करने पर भी चन्दन ने बृजेश को तो पीछे छोड़ दिया लेकिन वो अमित की early start को पीछे नहीं छोड़ पाया.
सबक #3: सबक #1 कभी मत भूलिए! 🙂
लेकिन 10% या उससे अधिक रिटर्न मिलेगा कहाँ?*
Friends, मैंने इन examples में 10% इंटरेस्ट रेट की बात की है, जो अब conventional financial instruments जैसे कि Bank FDs, RDs, etc में मिलना संभव नहीं है. लेकिन एक जगह है जहाँ आपको इतना या इससे भी अधिक रिटर्न मिल सकता है. और वो जगह है-Mutual Funds.
म्यूचुअल फंड एक investment vehicle होता है जो कई निवेशकों से इकठ्ठा किए गए पैसों को मिला कर बना होता है. इसका उद्देश्य इन पैसों को शेयरों, बांडों, मुद्रा बाजार के साधनों और अन्य assets में निवेश करने का होता है. सही MF स्कीम में इन्वेस्ट करना आपको बहुत अच्छे रिटर्न्स दे सकता है.
For example: अगर हम Oct 8, 1995 को launch हुए Open Ended Equity Growth Scheme – Reliance Growth Fund की बात करें तो इसने पिछले पांच सालों में 18% और शुरुआत से अब तक 23% की CAGR (Compound annual growth rate) दी है. इसलिए अपनी निवेश रणनीति में best performing म्यूचुअल फंड्स को ज़रूर शामिल करें.
*Note: Mutual Funds से मिलने वाले रिटर्न गारंटीड नहीं होते और market की performance पर डिपेंड करते हैं. साथ ही किसी फण्ड की past performance उसकी future performance की गारंटी नहीं देती.
आज के लिए इतना ही, आगे आने वाले लेखों में मैं आपसे mutual funds के बारे में और भी बात करूँगा.
Till then take care…save money…invest wisely!
Thank You!
Tags: PERSONAL FINANCE, Hindi Success Story, Rule of Success, Success Stories in Hindi, SUCCESS
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